** नौ अगस्त की रात को दाऊ दयाल खन्ना को किया गया था गिरफ्तार
** गिरफ्तारी के विरोध में दस अगस्त को निकाला जा रहा था जुलूस
** भारत माता की जय, वंदे मातरम और अंग्रेजों भारत छोड़ो के नारों से गूंज रहा था वातावरण
'अंग्रेजों भारत छोड़ो के आह्वान पर बौखलाई ब्रिटिश सरकार द्वारा वर्ष 1942 में नौ अगस्त को देश भर में आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा था। मुरादाबाद जिला भी इससे अछूता नहीं रहा। मुरादाबाद में आजादी के सिपाहियों का मुख्य केंद्र मंडी चौक और अमरोहा गेट था। अमरोहा गेट पर बृजरतन हिंदू पब्लिक लाइब्रेरी में आंदोलनकारियों की गुप्त बैठकें होती थी। यहां मुहल्ला लोहागढ़ निवासी हृदयनारायण खन्ना, छदम्मी लाल विकल के नेतृत्व में संघर्ष की रूपरेखा बनती थी। यहीं पर भूरे खां की गली में जुगलकिशोर शर्मा का होटल था। यहां भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एकत्र होते थे। अताई स्ट्रीट स्थित श्री दाऊजी के मंदिर में कांग्रेस का कार्यालय था। इसी मुहल्ले में दाऊदयाल खन्ना रहते थे। यहीं से वह आजादी के आंदोलनों का संचालन करते थे। भारत छोड़ो आंदोलनकारियों की गिरफ्तारियों का आदेश मिलते ही पुलिस ने सबसे पहले उनके घर पर छापा मारकर रात्रि में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
दस अगस्त की सुबह जब लोगों को दाऊदयाल खन्ना की गिरफ्तारी की जानकारी हुई तो पूरे शहर में आक्रोश फैल गया। अंग्रेज सरकार के खिलाफ लोग एकत्र होना शुरू हो गए। पान के दरीबा से जुलूस निकलना तय हुआ। धीरे-धीरे लोग वहां पहुंचने लगे और शहर भर के स्कूल और बाजार बंद हो गए । ब्रिटिश पुलिस को जब इसकी भनक लगी तो वह भी पान दरीबा पहुंच गई। लोगों ने भारत माता की जय, वंदे मातरम और अंग्रेजों भारत छोड़ो के नारे लगाने शुरू कर दिए। पुलिस बौखला गई और हवाई फायरिंग शुरू कर दी ।जवाब में पथराव शुरू हो गया। इस पर पुलिसकर्मियों ने निहत्थे आंदोलनकारियों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। इसी दौरान एक गोली प्रेम प्रकाश अग्रवाल के पेट को चीरती हुई ईश्वर शरण की टांग में लगी। प्रेम प्रकाश वहीं खून से लथपथ हो गिर गए और उनके प्राण पखेरू उड़ गये। इधर, फायरिंग से भगदड़ मच चुकी थी और लोग पान दरीबा , बाजीगिरान, गुजराती मुहल्ला, पुजेरी गली, दिलवाली गली, अताई मुहल्ला और जीलाल मुहल्ले में भागकर अपनी जान बचा रहे थे। बर्बरता का आलम यह था कि पुलिस ने इन मुहल्लों में घुसकर लोगों पर गोलियां चलाई । जीलाल मुहल्ले में कुएं के पास मुमताज को गोली लगी और उसने वहीं दम तोड़ दिया। गोलीकांड में मोहल्ला भट्टी निवासी पंडित बाबूराम का 11 वर्षीय बालक जगदीश प्रसाद शर्मा जो स्कूल से लौट रहा था शहीद हो गया। इसके अलावा झाउलाल और मोतीलाल के भी गोली लगने से प्राण पखेरू उड़ गए। लगभग दो सौ से अधिक व्यक्ति घायल हो गए। फायरिंग में एक गोली लोहे के पाइप में भी लगी थी जिससे उसमें सुराख हो गया था। अंग्रेजों की बर्बरता के एक गवाह पान दरीबा निवासी प्रेम प्रकाश बंसल के पास यह पाइप वर्षों तक सुरक्षित रखा रहा था। बाद में पान दरीबा पर शहीद स्मारक की स्थापना के समय यह पाइप वहां स्थापित कर दिया गया।
भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर टिकटघर लूटने तोड़फोड़ करने , कांकाठेर और मछरिया रेलवे स्टेशन में भी आग लगाये जाने की घटनाएं हुईं।
✍️ डॉ मनोज रस्तोगी
8,जीलाल स्ट्रीट
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
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